Check Bounce News : चेक बाउंस हुआ तो सीधे जेल और दोगुना जुर्माना, जानिए पूरे नियम और बचने का सटीक तरीके।

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आज के डिजिटल दौर में भले ही UPI और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ने पैसों के लेन-देन को बेहद आसान बना दिया हो, लेकिन चेक (Cheque) आज भी बिजनेस, प्रॉपर्टी डील और किराए जैसे बड़े भुगतानों के लिए भरोसेमंद माध्यम बना हुआ है। हालांकि, अगर आपका दिया गया चेक बाउंस हो जाता है, तो यह केवल बैंक की तकनीकी गलती नहीं बल्कि कानून के तहत अपराध माना जाता है। Check Bounce Rules 2025 के अनुसार अब ऐसे मामलों में जेल की सजा और चेक राशि के दोगुने तक का जुर्माना लग सकता है।

चेक बाउंस क्या होता है?

जब कोई व्यक्ति चेक जारी करता है और वह बैंक में क्लियर नहीं होता, तो उसे “चेक बाउंस (Cheque Bounce)” कहा जाता है। यह आमतौर पर इन कारणों से होता है, खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना, चेक पर गलत या असमान हस्ताक्षर होना चेक का फटा, पुराना या एक्सपायर होना। गलत तारीख या अधूरा विवरण होना। चाहे यह गलती जानबूझकर न की गई हो, लेकिन कानूनी दृष्टि से यह अपराध माना जाता है, क्योंकि यह वित्तीय धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।

चेक बाउंस पर नया कानून और सजा का प्रावधान

भारत में चेक बाउंस से जुड़ा कानून Negotiable Instruments Act, 1881 की धारा 138 (Section 138 NI Act) के तहत आता है। 2025 के अपडेटेड नियमों के अनुसार –

अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो 2 साल तक की जेल हो सकती है।

साथ ही, कोर्ट चेक की राशि का दोगुना जुर्माना भी लगा सकता है।

शिकायतकर्ता अगर कोर्ट में केस फाइल करता है और आप दोषी साबित होते हैं, तो गिरफ्तारी भी संभव है।

यदि बार-बार ऐसा होता है, तो आपके बैंक अकाउंट पर रोक (ban) भी लगाई जा सकती है।

सरकार ने यह कदम बढ़ते मामलों को रोकने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया है।

शिकायत कब और कैसे करें?

अगर किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता है, तो उसे शिकायत करने के लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होता है –

पहला कदम: चेक बाउंस होने के 30 दिनों के भीतर आपको चेक जारी करने वाले व्यक्ति को एक कानूनी नोटिस भेजना होगा।

दूसरा कदम: नोटिस मिलने के 15 दिनों के अंदर अगर वह व्यक्ति भुगतान नहीं करता है, तो आप कोर्ट में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

तीसरा कदम: इसके बाद आपको 30 दिनों के भीतर कोर्ट में केस फाइल करना होता है।

अगर यह समय सीमा निकल जाती है, तो शिकायत को अमान्य माना जा सकता है। इसलिए समय पर कार्रवाई बेहद जरूरी है।

इन सावधानियों से आप न केवल कानूनी परेशानियों से बच सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय साख भी सुरक्षित रख सकते हैं।

अगर आपका चेक बाउंस हो गया तो क्या करें?

यदि गलती से आपका चेक बाउंस हो गया है, तो तुरंत प्राप्तकर्ता से संपर्क करें और पेमेंट किसी वैकल्पिक माध्यम से करें। अगर कानूनी नोटिस मिला है, तो उसे अनदेखा न करें समय पर जवाब दें और जरूरत पड़ने पर वकील की सलाह लें। इससे आपकी स्थिति कोर्ट में मजबूत रहेगी।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी तरह की कानूनी सलाह नहीं है। चेक बाउंस या किसी अन्य कानूनी मामले से संबंधित समस्या होने पर किसी योग्य वकील या सलाहकार से परामर्श करें।

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