भारत के रेल इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। देश की पहली हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना अब तेजी से आकार ले रही है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह सेवा देश के हर कोने तक पहुंच सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई यह योजना अब सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत में बदल रही है। सरकार की ओर से दी गई नई जानकारी के अनुसार, भारत में अब कई नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं जो देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, पटना, वाराणसी, और गुवाहाटी को एक-दूसरे से जोड़ेगा।
देशभर में बुलेट ट्रेन का विस्तार योजना
भारत में बुलेट ट्रेन नेटवर्क को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में मुंबई-अहमदाबाद रूट पर काम तेज़ी से चल रहा है, जबकि आने वाले चरणों में सरकार ने 8 से अधिक नए रूट की योजना तैयार की है। इन रूट्स के शुरू हो जाने के बाद यात्री सिर्फ कुछ घंटों में लंबी दूरी तय कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली से वाराणसी की यात्रा मात्र 2.5 घंटे, जबकि मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा सिर्फ 2 घंटे में पूरी हो सकेगी।
मुख्य प्रस्तावित बुलेट ट्रेन रूट
सरकार द्वारा जो प्रमुख बुलेट ट्रेन कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं, उनमें शामिल हैं:
1. मुंबई – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर
2. दिल्ली – वाराणसी हाई स्पीड रेल लाइन
3. दिल्ली – अहमदाबाद – मुंबई कॉरिडोर
4. चेन्नई – बेंगलुरु – मैसूर बुलेट ट्रेन रूट
5. दिल्ली – चंडीगढ़ – अमृतसर हाई स्पीड लाइन
6. हावड़ा – पटना – वाराणसी बुलेट ट्रेन लाइन
7. दिल्ली – नागपुर – हैदराबाद कॉरिडोर
8. गुवाहाटी – कोलकाता हाई स्पीड रेल लाइन
बुलेट ट्रेन की रफ्तार और तकनीक
भारत की बुलेट ट्रेन जापान की शिंकानसेन तकनीक पर आधारित होगी, जिसकी गति 320 से 350 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी।।इस तकनीक से ट्रेन न केवल तेज चलेगी, बल्कि इसमें सुरक्षा और आराम का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। हर ट्रेन में अत्याधुनिक एयरो-डायनेमिक डिज़ाइन, स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम, और भूकंप-रोधी तकनीक शामिल होगी।
सरकार की पहल और निर्माण की प्रगति
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है। सरकार ने घोषणा की है कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर 90% से अधिक भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है और कुछ सेगमेंट्स पर ट्रैक बिछाने का कार्य भी शुरू हो गया है। 2026 तक इसके पहले फेज के पूरा होने की उम्मीद है। साथ ही, दिल्ली-वाराणसी और चेन्नई-बेंगलुरु कॉरिडोर पर भी डीपीआर (Detailed Project Report) फाइनल चरण में है।
Disclaimer : यह लेख सरकारी रिपोर्ट, प्रेस विज्ञप्तियों और विश्वसनीय मीडिया अपडेट पर आधारित है। किसी भी रूट या तारीख से संबंधित आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया NHSRCL की वेबसाइट या रेलवे मंत्रालय के पोर्टल पर जाएं।